नाग पंचमी कथा और पूजन विधि (Nag Panchami - Stories and Worship Methods)

नाग पंचमी कथा और पूजन विधि (Nag Panchami - Stories and Worship Methods)

Posted By Admin on Saturday May 14 2022 46
Bhakti Sagar » Festival


नाग पंचमी कथा और पूजन विधि (Nag Panchami - Stories and Worship Methods)

सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा के साथ उनके गले में हार की तरह सुशोभित नाग देवता की पूजा का भी अत्यंत महत्व है| श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का महापर्व मनाया जाता है| इस दिन नाग देवता की पूजा का न सिर्फ धार्मिक बल्कि ज्योतिषीय महत्व भी है| नाग पंचमी के दिन शिव भक्त तमाम तरह की मंगलकामनाओं के साथ कुंडली से जुड़े कालसर्प दोष को दूर करने के लिए विधि–विधान से नाग देवता का पूजन और दर्शन करते हैं. इस साल नाग पंचमी तिथि 12 अगस्त 2021 को दोपहर 03:24 मिनट से प्रारंभ हो कर 13 अगस्त 2021 की दोपहर 01:42 बजे तक रहेगी|

 

Nagpanchami%2B2021

Nag Panchami- नाग पंचमी कथा और पूजन विधि

नाग पंचमी के दिन उपवास रख, पूजन करना कल्याणकारी कहा गया है. श्रवण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नाग पंचमी का पर्व प्रत्येक वर्ष श्रद्धा और विश्वास से मनाया जाता है. इस दिन के विषय में कई दंतकथाएं प्रचलित है. जिनमें से कुछ कथाएं इस प्रकार है. इन में से किसी कथा का स्वयं पाठ या श्रवण करना शुभ रहता है. साथ ही विधि-विधान से नागों की पूजा भी करनी चाहिए|

किसान और नागिन की कथा (Legend of Farmer and a Serpent)

नाग पंचमी के विषय में कई कथाएं प्रचलन में है, उनमें से एक के अनुसार किसी राज्य में एक किसान अपने दो पुत्र और एक पुत्री के साथ रहता था. एक दिन खेतों में हल चलाते समय किसान के हल के नीचे आने से नाग के तीन बच्चे मर गयें. नाग के मर जाने पर नागिन ने शुरु में विलाप कर दु:ख प्रकट किया फिर उसने अपनी संतान के हत्यारे से बदला लेने का विचार बनाया|

Nag Panchami- नाग पंचमी कथा और पूजन विधि

रात्रि के अंधकार में नागिन ने किसान व उसकी पत्नी सहित दोनों लडकों को डस लिया. अगले दिन प्रात: किसान की पुत्री को डसने के लिये नागिन फिर चली तो किसान की कन्या ने उसके सामने दूध का भरा कटोरा रख दिया. और नागिन से वह हाथ जोडकर क्षमा मांगले लगी. नागिन ने प्रसन्न होकर उसके माता-पिता व दोनों भाईयों को पुन: जीवित कर दिया|

उस दिन श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी. उस दिन से नागों के कोप से बचने के लिये इस दिन नागों की पूजा की जाती है. और नाग -पंचमी का पर्व मनाया जाता है|

राजा और पांच नाग कथा (Legend of a King and Five Snakes)

एक अन्य कथा के अनुसार एक राजा के सात पुत्र थे, सभी का विवाह हो चुका था. उनमें से छ: पुत्रों के यहां संतान भी जन्म ले चुकी थी, परन्तु सबसे छोटे की संतान प्राप्ति की इच्छा अभी पूरी नहीं हुई थी. संतानहीन होने के कारण उन दोनों को घर -समाज में तानों का सामना करना पडता था. समाज की बातों से उसकी पत्नी परेशान हो जाती थी. परन्तु पति यही कहकर समझाता था, कि संतान होना या न होना तो भाग्य के अधीन है|

इसी प्रकार उनकी जिन्दगी के दिन किसी तरह से संतान की प्रतिक्षा करते हुए गुजर रहे थें. एक दिन श्रवण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी. इस तिथि से पूर्व कि रात्रिं में उसे रात में स्वप्न में पांच नाग दिखाई दिये. उनमें से एक ने कहा की अरी पुत्री, कल नागपंचमी है, इस दिन तू अगर पूजन करें, तो तुझे संतान की प्राप्ति हो सकती है|

प्रात: उसने यह स्वप्न अपने पति को सुनाया, पति ने कहा कि जैसे स्वप्न में देखा है, उसी के अनुसार नागों का पूजन कर देना. उसने उस दिन व्रत कर नागों का पूजन किया, और समय आने पर उसे संतान सुख की प्राप्ति हुई|

नाग पंचमी पूजन विधि (Worship Methods of Nag Panchami)

इस दिन प्रात: नित्यक्रम से निवृ्त होकर, स्नान कर घर के दरवाजे पर पूजा के स्थान पर गोबर से नाग बनाया जता है. मुख्य द्वार के दोनों ओर दूध, दूब, कुशा, चंदन, अक्षत, पुष्प आदि से नाग देवता की पूजा करते है. इसके बाद लड्डू और मालपूओं का भोग बनाकर, भोग लगाया जाता है. ऎसी मान्यता है कि इस दिन सर्प को दूध से स्नान कराने से सांप का भय नहीं रहता है. भारत के अलग- अलग प्रांतों में इसे अलग- अलग ढंग से मनाया जाता है|

भारत के दक्षिण महाराष्ट्र और बंगाल में इसे विशेष रुप से मनाया जाता है. पश्चिम बंगाल, असम और उडीसा के कुछ भागों में इस दिन नागों की देवी मां मनसा कि आराधना की जाती है. केरल के मंदिरों में भी इसदिन शेषनाग की विशेष पूजा अर्चना की जाती है|

इस दिन विशेष रुप से सरस्वती देवी की पूजा-आराधना भी की जाती है. और बौद्धिक कार्य किये जाते है. ऎसी मान्यता है कि इस दिन घर की महिलाओं की उपवास रख, विधि विधान से नाग देवता की पूजा कि जाती है. इससे परिवार की सुख -समृ्द्धि में वृ्द्धि होती है. और परिवार को सर्पदंश का भय नहीं रह्ता है|

पूजन-विधि (Worship Methods)

नाग पंचमी की पूजा करने के लिये प्रात: घर की सफाई करने के बाद पूजन में भोग लगाने के लिये सैंवई-चावल आदि बनायें. देश के कुछ हिस्सों में नागपंचमी के एक दिन पहले खाना बनाकर रख लिया जाता है. और नागपंचमी के दिन बासी खाना खाया जाता है. पूरे श्रवन मास में विशेषकर नागपंचमी के दिन, धरती खोदना या धरती में हल, नींव खोदना मना होता है|

पूजा के वक्त नाग देवता का आह्वान कर उसे बैठने के लिये आसन देना चाहिए. उसके पश्चात जल, पुष्प और चंदन का अर्ध्य देना चाहिए. नाग प्रतिमा का दूध, दही, घृ्त, मधु ओर शर्कर का पंचामृ्त बनाकर स्नान करना चाहिए. उसके पश्चात प्रतिमा पर चंदन, गंध से युक्त जल चढाना चाहिए|

इसके पश्चात वस्त्र सौभाग्य सूत्र, चंदन, हरिद्रा, चूर्ण, कुमकुम, सिंदूर, बिलपत्र, आभूषण और पुष्प माला, सौभाग्य द्र्व्य, धूप दीप, नैवेद्ध, ऋतु फल, तांबूल चढाने के लिये आरती करनी चाहिए. इस प्रकार पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है. इस दिन नागदेव की पूजा सुगंधित पुष्प, चंदन से करनी चाहिए. क्योकि नागदेव को सुंगन्ध विशेष प्रिय होती है|

नाग पंचमी कि पूजा के लिये इस मंत्र को प्रयोग करना चाहिए. मंत्र इस प्रकार है|

"ऊँ कुरुकुल्ये हुं फट स्वाहा"

इस मंत्र के काल सर्प दोष की शान्ति भी होती है.

Related Posts

Popular Posts

harsu brahma temple, Bhabhua Bihar

harsu brahma temple, Bhabhua Bihar

SRI CHITRAGUPTA TEMPLE, HUPPUGUDA, HYDERABAD-PARIHARA TEMPLE FOR KETU DOSHA

SRI CHITRAGUPTA TEMPLE, HUPPUGUDA, HYDERABAD-PARIHARA TEMPLE FOR KETU DOSHA

KAYASTHA SURNAMES

KAYASTHA SURNAMES

श्री चित्रगुप्त भगवान वंशावली

श्री चित्रगुप्त भगवान वंशावली

श्री चित्रगुप्त भगवान परिवार

श्री चित्रगुप्त भगवान परिवार

FAMILY OF SHEE CHITRAGUPTA JI

FAMILY OF SHEE CHITRAGUPTA JI

Kayastha culture

Kayastha culture

सूर्य देव के 108 नाम- Surya Bhagwan Ji Ke Naam

सूर्य देव के 108 नाम- Surya Bhagwan Ji Ke Naam

श्री सूर्य देव चालीसा

श्री सूर्य देव चालीसा

Powerful Mantras - मंत्रो की शक्ति

Powerful Mantras - मंत्रो की शक्ति

Beautiful idol of Maa Durga

Beautiful idol of Maa Durga

Happy Holi : IMAGES, GIF, ANIMATED GIF, WALLPAPER, STICKER FOR WHATSAPP & FACEBOOK

Happy Holi : IMAGES, GIF, ANIMATED GIF, WALLPAPER, STICKER FOR WHATSAPP & FACEBOOK

कायस्थानांसमुत्पत्ति (Kayasthanamsamutpatti) - Kayastha Utpatti with Hindi

कायस्थानांसमुत्पत्ति (Kayasthanamsamutpatti) - Kayastha Utpatti with Hindi

Hindu Calendar 2024 Festvial List

Hindu Calendar 2024 Festvial List

Kaithi script

Kaithi script

कायस्थ समाज एवं नागपंचमी

कायस्थ समाज एवं नागपंचमी

SHREE VISHNU SAHASRANAMAVALI  ।। श्री विष्णुसहस्त्रनामावलिः ।।

SHREE VISHNU SAHASRANAMAVALI ।। श्री विष्णुसहस्त्रनामावलिः ।।

Navratri Vrat Katha : नवरात्रि व्रत कथा

Navratri Vrat Katha : नवरात्रि व्रत कथा

देवीमाहात्म्यम्  या दुर्गा सप्तशती (मार्कण्डेय पुराण)

देवीमाहात्म्यम् या दुर्गा सप्तशती (मार्कण्डेय पुराण)

Sunderkand Paath in hindi- सुन्दर  कांड-  जय श्री राम

Sunderkand Paath in hindi- सुन्दर कांड- जय श्री राम